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Bihar Caste Census News 2023 | बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक जाने वजह

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Bihar Caste Census News 2023 | बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक जाने वजह | Bihar Caste Census Latest News | Caste Census News in Bihar 2023

Bihar Caste Census News 2023- बिहार में हो रहे हैं जातीय आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है। पटना हाई कोर्ट द्वारा जातीय गणना पर रोक लगाकर नीतीश कुमार के सरकार को बड़ा झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंदन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की टीम ने इस मामले पर बहस पूरी होने के बाद गुरुवार को फैसला सुनाया जिसमें जस्टिसओ का कहना है कि इस केस की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी तब तक जातीय गणना पर स्टे रहेगा।

Bihar Caste Census News 2023 आपको बता दें कि बिहार में जाति आधारित गणना का दूसरा और आखरी चरण चल रहा है फिर भी इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस गणना का विरोध कर रहे हैं।

तो आइए दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम Bihar Caste Census News 2023 से जुड़े संपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानेंगे।  साथ ही जातीय गणना पर रोक लगाने की वजह क्या है? इस जानकारी को हम विस्तार से जानेंगे। आप इस जानकारी को जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

Bihar Caste Census News 2023 | बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक जाने वजह

Bihar Caste Census News 2023

Caste Census News in Bihar 2023

Caste Census News in Bihar 2023 पटना हाई कोर्ट द्वारा बिहार में जाति आधारित जनगणना पर रोक लगा दी गई है। रोक लगाने का कारण जनगणना शुरू से ही विवादों से घिरा हुआ है। साथ ही इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार को इसे कराने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। यह तो हमने समझा के किए जातीय जनगणना पर रोक क्यों लगाई है लेकिन जातीय गणना सरकार क्यों कराना चाह रही है और कुछ लोग इसे क्यों रोकने में लगे हैं इसे जाना सबसे ज्यादा जरूरी है। तो आइए जानते हैं बिहार सरकार आखिर क्यों जातीय जनगणना कराना चाहती है।

बिहार के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक मनोज झा की बात से समझे तो सरकार द्वारा बिहार में जातीय जनगणना कराने के दो प्रमुख कारण एवं कुछ अन्य कारण हैं:-

राजनीतिक फायदा: बिहार में ओबीसी और ईबीसी मिलाकर कुल 52% से अधिक आबादी है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि बिहार में करीब 14 फीसदी यादव हैं। कुर्मी चार से पांच प्रतिशत हैं। कुशवाहा वोटर की संख्या आठ से नौ प्रतिशत के बीच है। सर्वणों की बात करें तो राज्य में इनकी कुल आबादी 15% है। इनमें भूमिहार 6%, ब्राह्मण 5%, राजपूत 3% और कायस्थ की जनसंख्या 1% है।

बिहार में अति पिछड़ा वर्ग भी निर्णायक संख्या में है। ऐसे में पूरा खेल इन्हीं वोटों के लिए है। राजनीतिक दलों को इसमें फायदा दिखता है। उन्हें लगता है कि इसके जरिए धर्म की बजाय जाति के आधार पर वोट पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा जेडीयू और आरजेडी गठबंधन को मिल सकता है।

आबादी के हिसाब से आरक्षण का दांव: लंबे समय से इसकी मांग हो रही है। जातीय समितियों का नारा है कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। मतलब आबादी के हिसाब से ही आरक्षण दिया जाए। ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगों का कहना है कि एससी-एसटी को संख्या के आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है। इसी तरह ओबीसी को भी उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जाए।

तीसरा कारण

एक तीसरा कारण भी है, जिसका सरकार दावा करती है। बिहार सरकार का कहना है कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद पिछड़े लोगों की सही संख्या मालूम चल पाएगी। इससे उन्हें उन सुविधाओं का लाभ दिया जा सकेगा, जो अब तक उन्हें नहीं मिल पाती थी। आबादी के हिसाब से उनके लिए सरकारी योजनाएं बनाई जाएंगी, ताकि समाज की मुख्य धारा में पिछड़े लोगों की जिंदगी बेहतर हो सके।

जातीय जनगणना के सियासी मायने 

Bihar Caste Census News 2023 मनोज झा कहते हैं, ‘भाजपा पर धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगता है। भाजपा की हिन्दुत्व की राजनीति को विपक्षी दल जातिगत राजनीति से जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की जन-गणना इसमें धार देने का काम कर सकती है। 
 

जातीय जनगणना के रोक की मुख्य वजह

 
Bihar Caste Census News 2023 पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि बिहार सरकार जातीय और आर्थिक सर्वेक्षण करवा रही है। उन्होंने याचिका में बताया कि इस तरह के सर्वे कराने का अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। दीनू कुमार ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना और आर्थिक सर्वेक्षण करवा रही है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों के उलट यानी विपरीत है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वे केंद्र सरकार करवा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।
 
Bihar Caste Census News 2023 जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर पिछले साल बिहार के राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिला था लेकिन केंद्र के मना करने के बाद अब बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करा रही है।
 

हो चुके 500 करोड़ रुपए खर्च

Bihar Caste Census News 2023 बिहार में जातीय जनगणना कराने क्यों कराई जा रही है नीतीश सरकार द्वारा इसकी कोई भी जिक्र नहीं की गई है। साथ ही इसके लिए इमरजेंसी फंड से ₹500 रुपए खर्च किए जा रहे हैं जबकि इससे पैसा निकालने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होता है।

इसके जवाब में महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि जातिगत जनगणना का प्रस्ताव दोनों सदनों से समिति से पारित हुआ था। साथ ही राज्य कैबिनेट ने इसके लिए बजट का प्रावधान किया है इनमें से एक भी पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है।

Bihar Caste Census Latest News (नीतीश सरकार अनुसार सही)

Bihar Caste Census Latest News पटना हाईकोर्ट में जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बहस के दौरान नीतीश सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा गया। सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को जनगणना कराने का अधिकार है। यह जनगणना नहीं है। इसमें आर्थिक रूप से पिछड़े समेत अन्य लोगों की गणना करनी है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना में लोगों से 17 प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इनसे किसी भी गोपनीय भांग नहीं हो रही है। महज कुछ लोग जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे हैं। बाकी सभी खुलकर अपनी जाति बता रहे हैं और सवालों के जवाब दे रहे हैं।

जातीय जनगणना पर 3 मई को होगा फैसला

Bihar Caste Census News 2023 बिहार में हो रही जातीय गणना पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना तत्काल रोकी जा रही है। इससे पहले हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। Bihar Caste Census News 2023

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Bihar Caste Census News 2023: FAQs

Bihar Caste Census News 2023?

बिहार में हो रहे हैं जातीय आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है। पटना हाई कोर्ट द्वारा जातीय गणना पर रोक लगाकर नीतीश कुमार के सरकार को बड़ा झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंदन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की टीम ने इस मामले पर बहस पूरी होने के बाद गुरुवार को फैसला सुनाया जिसमें जस्टिसओ का कहना है कि इस केस की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी तब तक जातीय गणना पर स्टे रहेगा।

Bihar Caste Census News 2023?

Bihar Caste Census News 2023 पटना हाई कोर्ट द्वारा बिहार में जाति आधारित जनगणना पर रोक लगा दी गई है। रोक लगाने का कारण जनगणना शुरू से ही विवादों से घिरा हुआ है। साथ ही इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार को इसे कराने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।

Bihar Caste Census Latest News?

बिहार में हो रही जातीय गणना पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना तत्काल रोकी जा रही है। इससे पहले हाईकोर्ट में मामले को लेकर 2 दिन सुनवाई हुई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।

Caste Census News in Bihar 2023?

बिहार में जातीय जनगणना कराने क्यों कराई जा रही है नीतीश सरकार द्वारा इसकी कोई भी जिक्र नहीं की गई है। साथ ही इसके लिए इमरजेंसी फंड से ₹500 रुपए खर्च किए जा रहे हैं जबकि इससे पैसा निकालने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होता है। इसके जवाब में महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि जातिगत जनगणना का प्रस्ताव दोनों सदनों से समिति से पारित हुआ था। साथ ही राज्य कैबिनेट ने इसके लिए बजट का प्रावधान किया है इनमें से एक भी पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है।

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